जय राधा चरनन की दासी लिरिक्स Jay Radha Charanan Ki Daasi Lyrics

जय राधा चरनन की दासी लिरिक्स Jay Radha Charanan Ki Daasi Lyrics, Krishna Bhajan by Pujya Hita Ambrish Ji

जय राधा चरनन की दासी।
ललितादिक जे सखि संग की, प्रिय पद कंज निवासी ।।
शिव ब्रह्मादिक वंदत पद रज, राधा चरण उपासी ।
जिनकौ जोर जोर कर बिनवत, मोहन कुञ्ज विलासी ।।
महिमा अमित अपार अगोचर, सहज नेह की रासि ।
सिद्धि निधि कोटि कोटि की दाता, आरत कल्पलता सी ।।
श्री दम्पति मन लिए रहत नित, निशदिन करत खवासी।
हित नाते मेरी सुधि करावहु, भोरी सठ रस प्यासी ।।
श्री राधा राधा राधा राधा राधा ।
जय राधा चरनन की दासी।
ललितादिक जे सखि संग की, प्रिय पद कंज निवासी ।।
शिव ब्रह्मादिक वंदत पद रज, राधा चरण उपासी ।
जिनकौ जोर जोर कर बिनवत, मोहन कुञ्ज विलासी ।।
महिमा अमित अपार अगोचर, सहज नेह की रासि ।
सिद्धि निधि कोटि कोटि की दाता, आरत कल्पलता सी ।।
श्री दम्पति मन लिए रहत नित, निशदिन करत खवासी।
हित नाते मेरी सुधि करावहु, भोरी सठ रस प्यासी ।।
श्री राधा राधा राधा राधा राधा ।