जय श्री श्याम जपने वाला लिरिक्स Jay Shri Shyam Japane Wala Lyrics, Krishna bhajan by Lakhbir Singh Lakkha
लिए श्रीकृष्ण ने, इम्तिहान कैसे कैसे,
बने बर्बरीक, खाटू के श्याम कैसे कैसे,
श्याम खाटू वाले के, दर पे जो भी जाएगा,
जय श्री श्याम जपने वाला, भवसागर तर जायेगा,
तर जायेगा तर जायेगा, तर जायेगा तर जायेगा।
श्याम खाटू वाले की, ये अमर कहानी है,
शीश दिया गिरिधर को, शीश का यह दानी है,
पांडवो का लाड़ला यह, सूर्यवंश का मोती,
पिता का दुलारा है, माँ की आंखों की ज्योति,
एक दिन का किस्सा है, माँ से लगा वह कहने,
युद्ध होने वाला है, मैं भी जाऊंगा रण में,
माँ ने अपने बेटे को, प्यार से यह समझाया,
क्या करोगे जाकर के, यह सवाल क्यों आया,
युद्ध है महाभारत का, आप जानती है माँ,
ऐसा युद्ध दुनियाँ में, होगा ना हुआ है माँ,
मेरी भी तमन्ना है, कुछ कमाल दिखलाऊँ,
आप आज्ञा दीजिए, युद्ध देखने जाऊँ,
बात सुनके बालक की, मां बहुत ही घबराई,
दे तो दी इज़ाजत, पर आंख उसकी भर आई,
जा रहे हो तो जाओ, माँ का तुझ पर साया है,
सब तुम्हारे अपने है, ना कोई पराया है,
हारने वाला युद्ध में तेरा, साथ अगर पा जायेगा,
माँ का आशीर्वाद है तेरा, नाम अमर हो जाएगा,
जय श्री श्याम जपने वाला, भवसागर तर जायेगा,
तर जायेगा तर जायेगा, तर जायेगा तर जायेगा।
हो चुका था निर्णय यह, कुरुक्षेत्र रणभूमि,
साथ देंगे पांडवों का, तीन लोक के स्वामी,
एक तरफ तो है पांडव, दूजी और है कौरव,
शूरवीर आए हैं, सब दिखाने को गौरव,
किसको फ़ायदा होगा, जाने इस लड़ाई में,
क्योंकि लड़ने वाले हैं, भाई अपने भाई से,
कृष्ण जी ने देखा जब, ध्यान से इस बालक को,
पूछने लगे गिरिधर, आया क्या तू करने को,
बर्बरीक ने परिचय, अपना देकर बतलाया,
तीन बाण तरकश में, लेके लड़ने को आया,
जो लगेगा हारने वह, साथ मेरा पाएगा,
एक बाण मारूँगा, और वो जीत जायेगा,
बात सुन के बालक की, कृष्ण जी भी चकराएँ,
मन ही मन में सोचा कि, अब परीक्षा ली जाए,
बोले कृष्ण जी उसको, काम तुम यह कर डालों,
सामने जो पीपल है, उस पे तुम नज़र डालों,
एक तीर से सारे पत्ते, जो तू भेद दिखाएगा,
सबसे वीर महाभारत में, तू ही तो कहलायेगा,
जय श्री श्याम जपने वाला, भवसागर तर जायेगा,
तर जायेगा तर जायेगा, तर जायेगा तर जायेगा।
सुमिरण कर शक्ति का, मारा बाण बालक ने,
भेद सारे पत्तों को, आया बाण चरणों में,
कृष्ण जी ने घबराकर, पैर को हटाया जब,
पैर के तले पत्ता, उसको भेद डाला जब,
हो गया सफल बालक, वीर माना जाएगा,
तुझसे लेगा टक्कर जो, क्षण में मारा जाएगा,
वीर तो बहुत होंगे, दानी होना मुश्क़िल है,
तेरे जैसा दुनियाँ में, सानी होना मुश्किल है,
वीर महावीर है तू, इतना मान दे मुझकों,
दानी तुझको मानूंगा, शीश दान दे मुझकों,
सोचकर में आया था, हिस्सा युद्ध में लूँगा,
शीश भले ही कट जाए, युद्ध अवश्य देखूँगा,
इतना कहने के बाद, काट डाला गर्दन को,
शीश हाथ में रखकर, भेंट किया गिरधर को,
माझरा ये देखा तो, कृष्ण जी भी चकराए,
हाथ सर पे बालक के, रख के श्याम फरमाए,
सच्चा है वरदान ये मेरा, खाली कभी ना जाएगा,
कलयुग में तू नाम से मेरे, घर घर पूजा जाएगा,
जय श्री श्याम जपने वाला, भवसागर तर जायेगा,
तर जायेगा तर जायेगा, तर जायेगा तर जायेगा। ।
श्याम खाटू वाले के, दर पे जो भी जाएगा,
जय श्री श्याम जपने वाला, भवसागर तर जायेगा,
तर जायेगा तर जायेगा, तर जायेगा तर जायेगा।