मन में बाजी शहनाई लिरिक्स Man Me Baji Shahnaai Lyrics

मन में बाजी शहनाई लिरिक्स Man Me Baji Shahnaai Lyrics, Khatu Shyam Ji Bhajan by Singer: Arpita Pandit Geeti

मन में बाजी शहनाई,
के फागण आया है,
फागण आया है,
फागण तो आया है।
(मन में बाजी शहनाई,
के फागण आया है,
फागन आया है,
फागण तो आया है।)

कार्तिक सुधि की ग्यारस,
ज्यू ज्यू है बीते जाती,
चंग धमालों की गूंजे,
कानों मेरे है आती,
सब प्रेमी नाचें हैं,
संग श्याम भी नाचें हैं,
और मुख से बाँचे है,
फागण आया है,
फागण तो आया है,
(मन में बाजी शहनाई,
के फागण आया है,
फागन आया है,
फागण तो आया है।)

टिकट कटा लेते हैं,
खाटू नगरीयां जाते,
पैदल में रींगस से,
श्याम निशान उठाते,
हम पैदल चलते हैं,
नाम श्याम का जपते हैं,
और हिवड़े से कहते,
फागण आया है,
फागण तो आया है,
(मन में बाजी शहनाई,
के फागण आया है,
फागन आया है,
फागण तो आया है।)

खाटू ज्यूँ हम पहुँचे,
दरबार में हम जाए,
अपने बाबा को हम
होली का रंग लगाए,
हम निशान चढ़ाते हैं,
वो किरपा बरसाते हैं,
और हम मौज में गाते हैं,
फागण आया है,
फागण तो आया है,
(मन में बाजी शहनाई,
के फागण आया है,
फागन आया है,
फागण तो आया है।)

फागण की वो बारस,
जैसे ही नेड़े आती,
पलके भीगी “केशव”  की,
नजरें नीर में बहाती,
हम अश्क बहाते हैं,
तोरण द्वार पे आते हैं,
रोते अधर ये कहते हैं,
फागण बीता रे,
फागण तो आया है,
(मन में बाजी शहनाई,
के फागण आया है,
फागन आया है,
फागण तो आया है।)
मन में बाजी शहनाई,
के फागण आया है,
फागण आया है,
फागण तो आया है।
(मन में बाजी शहनाई,
के फागण आया है,
फागन आया है,
फागण तो आया है।)