अपना खर्चा खाटू के दरबार से आता है लिरिक्स Apana Kharcha Bhajan Lyrics

अपना खर्चा खाटू के दरबार से आता है लिरिक्स Apana Kharcha Bhajan Lyrics, Khatu Shyam Ji Bhajan by Singer: Amit Kalra Meetu, Lyricist: Yogesh Verma Swapn

माना मेरा राशन तो बाजार से आता है,
पर अपना खर्चा खाटू के दरबार से आता है,
किसी का मेहनत या कारोबार से आता है,
पर अपना खर्चा खाटू के दरबार से आता है।

माँगो या फिर ना माँगो,
ये ठाकुर सब कुछ जाने हैं,
मेरे मन में क्या है ये तो,
सबकुछ ही पहचाने है,
मेरी जरूरत का मुझको निश्चित मिल जाता है,
पर अपना खर्चा खाटू के दरबार से आता है।

जबसे बना है मेरा सखा वो,
सब कुछ उस पर छोड़ दिया,
मंजिल अगर कठिन हो तो,
राहो को उसने मोड़ दिया,
बिना पुकारे ठाकुर झट से दौड़ा आता है,
पर अपना खर्चा खाटू के दरबार से आता है।

कभी हँसाता कभी रुलाता,
और कभी सताता है,
कभी प्रेम से गले लगाकर,
अपना प्रेम जताता है,
जनम जनम से उससे मेरा प्यारा नाता है,
पर अपना खर्चा खाटू के दरबार से आता है।

माना मेरा राशन तो बाजार से आता है,
पर अपना खर्चा खाटू के दरबार से आता है,
किसी का मेहनत या कारोबार से आता है,
पर अपना खर्चा खाटू के दरबार से आता है।