आव सखी देखा गणपत घूमे है लिरिक्स Aav Sakhi Dekha Ganpat Ghume Hai Lyrics

आव सखी देखा गणपत घूमे है लिरिक्स Aav Sakhi Dekha Ganpat Ghume Hai Lyrics, Ganesh Ji Bhajan by Shree Navratan giri ji Maharaj

आव सखी देखा गणपत घूमे है,
लाम्बी है सूँड मतवाला जी,
घृत सिन्दुर थारे मस्तक सोहे देवा,
शिव-शक्ति का बाला हो गणपत,
देव भया मतवाला जी।

राजा भी सुमिरे थाने, परजा भी सुमिरे है,
सुमिरेगा जोगी जटावाला जी,
उठ सँवारी, व्यापारी, थाने सुमिरे देवा,
रिद्धि सिद्धि देवणवाला ओ गणपत,
देव भया मतवाला जी,
आव सखी देखा गणपत घूमे है,
लाम्बी है सूँड मतवाला जी।

ओढ़ण पीत पीतम्बर सोहे देवा,
गल फूलंडा री फूल मालाजी,
सात सखी रल मंगल गावे देवा,
बुद्धि को देवण वाला ओ गणपत,
देव भया मतवाला जी,
आव सखी देखा गणपत घूमे है,
लाम्बी है सूँड मतवाला जी।

नाथ  गुलाब, मिल्या गुरु पूरा म्हाने,
हृदय में करियो उजियाला जी,
भानीनाथ, शरण सतगुरु की देवा,
खोल्या भ्रम रा ताला ओ गणपत,
देव भया मतवाला जी,
आव सखी देखा गणपत घूमे है,
लाम्बी है सूँड मतवाला जी। 

आव सखी देखा गणपत घूमे है हिंदी मीनिंग Aav Sakhi Dekha Ganpat Ghume Hai Lyrics, Ganesh Ji Bhajan Hindi Meaning Shree Navratan giri ji Maharaj

आव सखी देखा गणपत घूमे है : आवो सखियों देखें, गणेश जी /गणपत जी घूम रहे हैं। सभा में गणेश जी आ चुके हैं।
लाम्बी है सूँड मतवाला जी : श्री गणेश जी लम्बी सूंड वाले हैं और मतवाले हैं।
घृत सिन्दुर थारे मस्तक सोहे देवा : घृत मिला/घी से युक्त सिन्दूर माथे पर शोभीत है।
शिव-शक्ति का बाला हो गणपत : शिव शक्ति से युक्त गणेश जी हैं।
देव भया मतवाला जी : ये देव मतवाले हैं। श्री गणेश जी मतवाले हैं।
राजा भी सुमिरे थाने, परजा भी सुमिरे है : राजा और प्रजा आपका सुमिरन करती है।
सुमिरे गा जोगी जटावाला जी : आपको जोगी/योगी जटाधारी भी सुमिर चुके हैं।
उठ सँवारी, व्यापारी, थाने सुमिरे देवा : सुबह जल्दी उठ कर व्यापारी गण आपका सुमिरण करते हैं।
रिद्धि सिद्धि देवणवाला ओ गणपत : हे गणेश जी आप रिद्धि सिद्धि के देव हैं।
ओढ़ण पीत पीतम्बर सोहे देवा : आप पीले वस्त्रों को धारण करते हैं।
गल फूलंडा री फूल मालाजी : आपके गले में फूलों की माला है।
सात सखी रल मंगल गावे देवा : सात सखी रल मिल कर आपकी मंगल गायन करती हैं।
बुद्धि को देवण वाला ओ गणपत : हे गणेश जी आप बुद्धि के प्रदाता हैं।
नाथ  गुलाब, मिल्या गुरु पूरा म्हाने : गुलाब नाथ जी कहते हैं की हमें पूर्ण गुरु/भगवान की प्राप्ति हो गई है।
हृदय में करियो उजियाला जी : पूर्ण गुरु के मिलने से उन्होंने मेरे चित्त/हृदय में उजाला भर दिया है। उजाला से आशय ईश्वर के नाम के परिचय से है।
भानीनाथ, शरण सतगुरु की देवा : भानीनाथ जी सतगुरु जी की शरण में हैं।
खोल्या भ्रम रा ताला ओ गणपत : हे गुरुदेव भरम के ताले खोलो और मुझे सत्य से वाकिफ़ करवाओ।