करना होय सो करले रे साधो लिरिक्स Karana Hoy So Karale Re Sadho Lyrics

करना होय सो करले रे साधो लिरिक्स Karana Hoy So Karale Re Sadho Lyrics, Kabir Bhajan by Shabnam Virmani

करनी को तो क्यों डरे,
और करहि क्यों पछताय,
तूने बोया पेड़ बबुल का,
फिर आम कँहा से खाय।

करना रे होय से करले रे साधो,
हे, हे मानख जन्म दोहेलो है,
लख चौरासी मैं भटकत भटकत,
अरे अब के मिल्यो महेल्यो है,
करना रे होय सो, करले रे साधो।

अरे जब तब नेम बरत और पूजा,
पूजा रे पूजा,
षट दर्शन के गेलो हैं,
पर ब्रम्ह को जानत नाहीं,
भूल्या भूल्या भरम बहेल्यो है,
करना रे होय सो, करले रे साधो।

अरे कोई कहे हरि बसे बैकुंठा
कोई कहे गोलोको है
कोई कहे हरि बसे बैकुंठा,
कोई कहे शिवनगरी में साहिब,
अरे जुग जुग हाट बहेल्यो है,
करना रे होय सो, करले रे साधो।

अण समझ्यां हरी दूर बतावे,
बतावे रै बतावे,
समझया साथ कहेलो है,
सतगुरु सैण अमोलक दीन्ही,
हरदम हर को गेलो है,
करना रे होय सो, करले रे साधो।

जिया राम गुरु पूरा म्हाने मिल गया,
मिल गया रे मिल गया,
कोई अजप जाप जपेलो है,
कहे बनानाथ सुणों भाई साधो,
म्हारा सतगुरु जी को हेलो है,

करना रे होय से करले रे साधो,
हे, हे मानख जन्म दोहेलो है,
लख चौरासी मैं भटकत भटकत,
अरे अब के मिल्यो महेल्यो है,
करना रे होय सो, करले रे साधो।