जय गणेश देवा भजन लिरिक्स हंसराज रघुवंशी Jay Ganesh Jay Mere Deva Lyrics

जय गणेश देवा भजन लिरिक्स हंसराज रघुवंशी Jay Ganesh Jay Mere Deva Lyrics, Hansraj Raghuvanshi Ganesh Bhajan, Ganesh Chaturthi Bhajan Jai Ganesh Deva Lyrical Video || Hansraj Raghuwanshi

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
जय गणेश, जय मेरे देवा,
जय गणेश, जय मेरे देवा,

माता जाकी पार्वती है,
माता जाकी पार्वती है,
पिता महादेवा रे देवा,
जय गणेश, जय मेरे देवा,
जय गणेश, जय मेरे देवा। 

माता जाँकि पार्वती है,
माता जाकी पार्वती है,
पिता महादेवा रे देवा,
जय गणेश, जय मेरे देवा,
जय गणेश, जय मेरे देवा। 
जय गणेश, जय मेरे देवा,
जय गणेश, जय मेरे देवा,

एकदन्त दयावन्त,
चारभुजाधारी देवा,
जय गणेश, जय मेरे देवा,
जय गणेश, जय मेरे देवा,
शुभ कारज में, 
पहले करूँ मैं पूजा तेरी,
माथे पर तिलक सोहे,
मूसे की सवारी, रे देवा,
जय गणेश, जय मेरे देवा,
जय गणेश, जय मेरे देवा। 

पान चढ़े फूल चढ़े,
पान चढ़े फूल चढे,
और चढ़े मेवा, रे देवा,
जय गणेश, जय मेरे देवा,
जय गणेश, जय मेरे देवा। 

लड्डुअन का भोग लगे,
लड्डुअन का भोग लगे,
सन्त करें सेवा, रे देवा,
जय गणेश, जय मेरे देवा,
जय गणेश, जय मेरे देवा। 

अंधन को आँख देत तू,
अंधन को आँखें देत, 
कोढ़िन को काया, रे देवा,
बांझन को पुत्र देवे,
निर्धन को माया, रे देवा,
जय गणेश, जय मेरे देवा,
जय गणेश, जय मेरे देवा। 

माता जाकी पार्वती है,
माता जाकी पार्वती है,
पिता महादेवा रे देवा,
जय गणेश, जय मेरे देवा,
जय गणेश, जय मेरे देवा। 

श्री गणेश आरती अदर वर्शन
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
एकदन्त दयावन्त चारभुजाधारी। माथे पर तिलक सोहे मूसे की सवारी॥
पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा। लड्डुअन का भोग लगे सन्त करें सेवा॥
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
अन्धे को आँख देत, कोढ़िन को काया। बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥
‘सूर’ श्याम शरण आए सफल कीजे सेवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
श्री गणेश जी के मन्त्र :
विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लम्बोदराय सकलाय जगद्धितायं।
नागाननाथ श्रुतियज्ञविभूषिताय गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते॥
अमेयाय च हेरम्ब परशुधारकाय ते ।
मूषक वाहनायैव विश्वेशाय नमो नमः ॥
एकदन्ताय शुद्घाय सुमुखाय नमो नमः ।
प्रपन्न जनपालाय प्रणतार्ति विनाशिने ॥
एकदंताय विद्‍महे। वक्रतुण्डाय धीमहि। तन्नो दंती प्रचोदयात।।