तू महलों में रहने वाली मैं जोगी जटा धारी हूँ (राजदुलारी) लिरिक्स Rajdulari Shiv Bhajan lyrics

तू महलों में रहने वाली मैं जोगी जटा धारी हूँ (राजदुलारी) लिरिक्स Rajdulari Shiv Bhajan lyrics Hansraj Raghuvanshi

तू महलों में रहने वाली,
मैं जोगी जटा धारी हूँ,
तेरा मेरा मेल मिले ना,
रहता अटल अटारी हूँ,
तू महलों में रहने वाली।

पर्वत पे मैं कर गुज़ारा,
मेरा कोई घरबार नहीं,
ब्याह कराके मेरे से मिले,
सास ससुर का प्यार नहीं,
तू सेजो पे सोने वाली है,
खटिया पलग निवास नहीं,
तू माँगेगी कहाँ से दूँगा,
शीशा हार सिंगार नहीं,
तुझे छप्पन भोज की आदत है,
मैं बिलकुल पेट पुजारी हूँ,
तेरा मेरा मेल मिले ना,
रहता अटल अटारी हूँ।

तेरे प्यार में होई मैं दीवानी,
अरे शम्भू,
तेरे प्यार में होई मैं दीवानी।
तेरे प्यार में होई मैं दीवानी,
अरे शम्भू,
तेरे प्यार में होई मैं दीवानी।

ब्रह्मा से तू ब्याह करा ले,
ब्राह्मणी बण जावेगी,
इंद्र से तू ब्याह करवा ले,
इंद्ररानी बन जावेगी,
विष्णु से तू ब्याह करा ले,
पटराणी बण जावेगी,
मेरे संग में ब्याह की हट से,
तेरी हानी बण जाओगी,
तू राजा हिमाचल की लाड़ली,
मैं शमशान विहारी हूँ,
तेरा मेरा मेल मिले ना,
रहता अटल अटारी हूं।

तो सोहणी मैं सुन्दर ना हूँ,
पीता घोट के भंगा हूँ,
जटाजूट भी कालकूट भी,
मस्ती में मस्त मलंगा हूँ,
रोज़ लड़ेगी तेरी सौतन,
रखता शीश पे गंगा हूँ,
देख देख तेरा दम निकलेगा,
लिपटाये कई भुजंगा हूँ,
ना खाने को ना पीने को,
नाम का शिव भंडारी हूँ,
तेरा मेरा मेल मिले ना,
रहता अटल अटारी हूं।
तू महलों में रहने वाली,
मैं जोगी जटा धारी हूँ,
तेरा मेरा मेल मिले ना,
रहता अटल अटारी हूँ,
तू महलों में रहने वाली।

दास नहीं रंग रास नहीं,
कैसे मन बहलाएगी,
ठंडी बर्फ पे सोना होगा,
सर्दी में तू डर जायेगी,
हाथ में पड़ जाएंगे छाले,
भांग का घोटा लावेगी,
मेरे पास नहीं कोई सवारी,
तू पीहर कैसे जायेगी,
तेरे मन का कमल खिले ना,
अर्ध पुरुष अर्ध नारी हूँ,
तेरा मेरा मेल मिले ना,
रहता अटल अटारी हूँ,
तू महलों में रहनणे वाली,
मैं जोगी जटा धारी हूँ,
तेरा मेरा मेल मिले ना,
रहता अटल अटारी हूँ,
तू महलों में रहने वाली।