दर्शन दो घनश्याम लिरिक्स Darshan Do Ghanshyam Lyrics

दर्शन दो घनश्याम लिरिक्स Darshan Do Ghanshyam Lyrics, Khatu Shyam Ji Bhajan Naveen Verma दर्शन दो घनश्याम Darshan Do Ghanshyam

दास तुम्हारा तरस रहा,
है दर्शन दो अब शाम,
तुम सब जानते हाल मेरा,
दर्शन दो घनश्याम,
दास तुम्हारा तरस रहा।

जब जब च्यानण ग्यारस आती,
यादें तुम्हारी दिल तड़पाती,
तेरे दर्शन की चाहत में,
सेवक तड़पे दिन और राती
बाँट निहारु मैं तो तेरी,
लीले के असवार

रिश्ता ये जोड़ा जन्मो का तुमसे,
फिर इतना क्यों बिसराते हो,
भूल हुई क्या ओ खाटूवाले,
दर्शन को क्यों तरसाते हो,
अर्ज़ी मेरी सुनलो अब तो,
हारे के बाबा श्याम,

मेरे मन की पीड़ा को बाबा,
तुम ही तो बस जानते हो,
तेरे नवीन को आस तुम्हारी,
मुझको क्यों नहीं अपनाते हो
जीवन अनीश का तेरे हवाले,
बाबा लखदातार।

दास तुम्हारा तरस रहा,
है दर्शन दो अब शाम,
तुम सब जानते हाल मेरा,
दर्शन दो घनश्याम,
दास तुम्हारा तरस रहा।