नौबत बाज रहे द्वारे पे लिरिक्स Noubat Baaj Rahe Dware Pe Lyrics

नौबत बाज रहे द्वारे पे लिरिक्स Noubat Baaj Rahe Dware Pe Lyrics, Khatu Shyam Ji Bhajan by Kumar Rishab

बोलो खाटू नरेश की जय,
नौबत बाज रहे द्वारे पे,
भवन पे नाँच रहे नर नारी,
आयो मेलो फागुन को भाई,
जिसकी शोभा है बड़ी न्यारी,
नौबत बाज रहे द्वारे पे।

ये मेला श्याम धनी का प्यारा,
वो है सबका लखदातार,
सबके करता वारे न्यारे,
लीला इसकी है बड़ी न्यारी,
नौबत बाज रहे द्वारे पे

श्याम कुंड में भगत नहाते,
मन चाहा बाबा से पाते,
छपन भोग लगा के मनाते,
ये ही तीन बाण के धारी ,
नौबत बाज रहे द्वारे पे

भक्तो ने है शीश निभाए,
मोरछड़ी  से दुःख मिटवाए,
हारे का है येही सहारा,
इसकी महिमा है बड़ी बाहरी,
नौबत बाज रहे द्वारे पे

नौबत बाज रहे द्वारे पे,
भवन पे नाँच रहे नर नारी,
आयो मेलो फागुन को भाई,
जिसकी शोभा है बड़ी न्यारी,
नौबत बाज रहे द्वारे पे।

भजन श्रेणी : कृष्ण भजन (Krishna Bhajan)