बजरंगबली संकट काटो तेरे द्वार खड़े सब भक्तन के लिरिक्स Bajrangbali Sankat Kato Lyrics

बजरंगबली संकट काटो तेरे द्वार खड़े सब भक्तन के लिरिक्स Bajrangbali Sankat Kato Lyrics, Hanuman Bhajan by राजेन्द्र प्रसाद सोनी

बजरंगबली संकट काटो,
तेरे द्वार खड़े सब भक्तन के,
हम दीन दुखी हैं निर्बल हैं,
पर प्रेमी है तेरे चरनन के।

दुख के बादल घिर आये हैं,
चहुँ और है छाया अंधियारा,
अब आन हरो सबकी पीड़ा,
तुम नाथ पवन सुत जन जन के,
बजरंगबली संकट काटो,
तेरे द्वार खड़े सब भक्तन के,
हम दीन दुखी हैं निर्बल हैं,
पर प्रेमी है तेरे चरनन के।

नही तुम बिन कोई हमारा है,
बस तूँ ही एक सहारा है,
अब आन करो सब काज सफल,
जस काज करे रघुनंदन के,
बजरंगबली संकट काटो,
तेरे द्वार खड़े सब भक्तन के,
हम दीन दुखी हैं निर्बल हैं,
पर प्रेमी है तेरे चरनन के।

तेरे हृदय में राम बसे,
हम राम चरन के अनुरागी,
है सपथ तुम्हें सितावर की,
सब ताप हरो प्रभु तन मन के,
बजरंगबली संकट काटो,
तेरे द्वार खड़े सब भक्तन के,
हम दीन दुखी हैं निर्बल हैं,
पर प्रेमी है तेरे चरनन के।

जो भजन तुम्हारा किया करे,
उन्हें रोग दोष ना छू पाये,
राजेन्द्र कहे हनुमान प्रभु,
तुम रक्षक भये लक्ष्मण के,
बजरंगबली संकट काटो,
तेरे द्वार खड़े सब भक्तन के,
हम दीन दुखी हैं निर्बल हैं,
पर प्रेमी हैं तेरे चरनन के।।

भजन श्रेणी : हनुमान भजन (Hanuman Bhajan)