ये दो दिन का जीवन तेरा फिर किस पर तू इतराता है भजन लिरिक्स Ye Do Din Ka Jivan Tera Bhajan Lyrics Hindi

ये दो दिन का जीवन तेरा फिर किस पर तू इतराता है भजन लिरिक्स Ye Do Din Ka Jivan Tera Bhajan Lyrics Hindi, Chetawani Bhajan by SHIV NIGAM

ये दो दिन का जीवन तेरा भजन सुन्दर सन्देश देता है की यह जीवन क्षणिक है, दो दिन का है। इसलिए तुम किस बात पर इतरा रहे हो, किस बात पर घमंड कर रहे हो ? यह काया माटी है, और माटी में ही मिल जानी है। धन, वैभव और जवानी भी एक रोज साथ छोड़ जानी है। स्वंय की करनी का हिसाब हमें ही देना है इसलिए पाप कर्म  छोड़ कर हरी सुमिरन ही जीवन का सार है।
ये दो दिन का जीवन तेरा,
फिर किस पर तू इतराता है,
ये जीवन है चंद सांसों का,
फिर क्यों तू भूला जाता है,
ये दो दिन का जीवन तेरा,
फिर किस पर तू इतराता है।

माटी की तेरी ये काया,
नश्वर जग की छाया है,
धन वैभव और सुन्दर यौवन,
चलती फिरती ये माया है,
तेरा सारा सपना झूठा है,
सदधर्म यही बतलाता है,
ये दो दिन का जीवन तेरा,
फिर किस पर तू इतराता है।

पापों की गठरी का बोझा,
तेरे कंधो पर जाना है,
अपनी करनी अपनी भरनी,
फिर क्यों इतना दीवाना है,
अब तो सम्भल कर चल,
माथुर क्यों जीवन व्यर्थ गँवाता है,
ये दो दिन का जीवन तेरा,
फिर किस पर तू इतराता है।

तू खाली हाथो आया है,
और हाथ पसारे जाएगा,
अपना जिस को तू मान रहा,
सब यही धरा रह जाएगा,
अपनी नासमझी की खातिर,
क्यों जीवन भर दुःख पाता है,
ये दो दिन का जीवन तेरा,
फिर किस पर तू इतराता है।