श्याम धणी का गुलशन महका महका लगता है लिरिक्स Shyam Dhani Ka Gulshan Lyrics

श्याम धणी का गुलशन महका महका लगता है लिरिक्स Shyam Dhani Ka Gulshan Lyrics, Khatu Shyam Ji Bhajan by Raj Parik

श्याम धणी का गुलशन महका महका लगता है।
महफिल में मौजूद है बाबा ऐसा लगता है,
श्याम धणी का गुलशन महका-महका लगता है।
महफ़िल में मौजूद है बाबा ऐसा लगता है।।

पहुँच ना सकता सेक ग़मों का, मेरे दिल की बस्ती में,
सर पर मेरे आज भी साया तेरा लगता है।।
महफ़िल में मौजूद है बाबा ऐसा लगता है।।

बेशक़ भूले जग वाले हमें, हम ना तुमको भूलेंगे,
हर एक साँस पे बढ़ता तेरा कर्ज़ा लगता है।।
महफ़िल में मौजूद है बाबा ऐसा लगता है।।

ज़र्रे ज़र्रे से अब मुझको , ख़ुशबू तेरी आती है,
पत्ता पत्ता याद में तेरी, डूबा लगता है।।
महफ़िल में मौजूद है बाबा ऐसा लगता है।।

छुप जाओ तुम जाके कहीं भी, लेकिन पहचाने जाओगे,
चाँद से भी सुंदर जो चेहरा तेरा लगता है।।
महफ़िल में मौजूद है बाबा ऐसा लगता है।।

ख्वाइश है ये हम बच्चों की, पूरी करना श्याम धणी,
नाज़ से एक दिन बोलो हमको, तू बेटा लगता है।।
श्याम धणी का गुलशन महका महका लगता है।
महफिल में मौजूद है बाबा ऐसा लगता है,
श्याम धणी का गुलशन महका-महका लगता है।
महफ़िल में मौजूद है बाबा ऐसा लगता है।।

भजन श्रेणी : खाटू श्याम जी भजन (Khatu Shyam Ji Bhajan)