सुध ले लो मेरी गुरु गोरख जी भजन लिरिक्स Sudh Le Lo Meri Guru Gorakha Lyrics

सुध ले लो मेरी गुरु गोरख जी भजन लिरिक्स Sudh Le Lo Meri Guru Gorakha Lyrics, Gorakh Nath Ji Bhajan.

सुध ले लो मेरी गुरु गोरख जी,
मैं ज्योत जगाऊँ थारी हो,
संकट मोचन कष्ट हरो,
थारी शरण अबला नारी हो,
शरण अबला नारी हो,
सुध ले लो मेरी गुरु गोरख जी,
मैं ज्योत जगाऊँ थारी हो।

बारह वर्ष से पल पल क्षण क्षण,
नाम आपका रटती हूँ,
सुबह शाम तेरी ज्योत जगाके,
तेरे नाम पे मिटती हो,
कदसी सुनोगे अरज मेरी,
मिटे दुविधा सारी हो,
थारी शरण अबला नारी हो,
शरण अबला नारी हो,
सुध ले लो मेरी गुरु गोरख जी,
मैं ज्योत जगाऊँ थारी हो।

अंधे ने तुम ज्योति देते,
निर्धन ने धन दान कियो,
मैं बांझन थारे द्वार खड़ी सू,
दुखिया को संतान दियो,
थारी आस लगाऊं गुरु जी,
सुनियो टेर हमारी हो,
थारी शरण अबला नारी हो,
शरण अबला नारी हो,
सुध ले लो मेरी गुरु गोरख जी,
मैं ज्योत जगाऊँ थारी हो।

शेष महेश नरेश आप हो,
आप ही जग के रखवाले,
हाथ जोड़ खड़ी तेरी शरण में,
अरज सुनों सुनने वाले,
तन मन धन सब तेरे अर्पण,
शिव जी के अवतारी हो,
शरण अबला नारी हो,
शरण अबला नारी हो,
सुध ले लो मेरी गुरु गोरख जी,
मैं ज्योत जगाऊँ थारी हो।

कृष्ण लाल सै दीन हीन वो,
पल पल नाम रटे तेरा,
लाख चौरासी से पिंड छुटाओ,
दिखे सै कुँवा गहरा,
लख लख शीश झुकावे नरेंद्र,
दियो ज्ञान लहधारी हो,

सुध ले लो मेरी गुरु गोरख जी,
मैं ज्योत जगाऊँ थारी हो,
संकट मोचन कष्ट हरो,
थारी शरण अबला नारी हो,
शरण अबला नारी हो,
सुध ले लो मेरी गुरु गोरख जी,
मैं ज्योत जगाऊँ थारी हो।