आँख्या को काजल थारो लिरिक्स Aakhya Ro Kajal Tharo Lyrics

आँख्या को काजल थारो लिरिक्स Aakhya Ro Kajal Tharo Lyrics, Khatu Shyam Ji Bhajan by Sanju Ji Sharma, Voice : Sanju Sharma Ji, Lyrics : Shiv Charan JI.

आँख्या को काजल थारो,
होठां री लाली जी,
तो अईया की लटक ना,
पहल्या देखी भाली जी
आँख्या को काजल थारो।

मोर मुकुट की थारे,
शोभा घणेरी जी,
तो केसर को टीको,
नख बेसर मतवाली जी,
आँख्या को काजल थारो।

कानां में कुण्डल थारे,
गले में गलपटियो जी,
तो कुण्डल के नीचे,
झूमे चम चम करती बाली जी,
आँख्या को काजल थारो।

हीरा और पन्ना जड़ियो,
हार जड़ाऊँ जी
तो कटी पर लटके,
लट नागण जैसी काली जी
आँख्या को काजल थारो।

दुलरी तिलरी भी झूलें,
बाजूबंद पूँछी जी,
तो फेंटो गुलनारी ज्यामें,
झीणी झीणी जाली जी
आँख्या को काजल थारो।

पीले पीताम्बर माहीं,
लहर अनूठी जी,
तो रुणक झुणक बाजे,
नूपुर नखराली जी,
आँख्या को काजल थारो।

श्याम बहादुर थारा,
शिव जस गावे जी,
तो उजड़ये दिला का दाता,
थे ही हो बनमाली जी
आँख्या को काजल थारो।

आँख्या को काजल थारो,
होठां री लाली जी,
तो अईया की लटक ना,
पहल्या देखी भाली जी
आँख्या को काजल थारो। 

आँख्या को काजल थारो मीनिंग Aakhya Ro Kajal Tharo Meaning Hindi Khatu Shyam Ji Bhajan by Sanju Ji Sharma, Voice : Sanju Sharma Ji, Lyrics : Shiv Charan JI.

आँख्या को काजल थारो-आपके आँखों का काजल।
होठां री लाली जी-आपके होठों की लाली जी।
तो अईया की लटक ना पहल्या देखी भाली जी- ऐसी (अईया) लटक पहले कभी नहीं देखी है। देखी भाली का अर्थ है देखी परखी।

मोर मुकुट की थारे, शोभा घणेरी जी : आपके मस्तक पर मोर मुकुट है जिसकी शोभा अधिक (घणेरी) है। थारे- आपके।
तो केसर को टीको नख बेसर मतवाली जी- मस्तक पर केसर का तिलक है और आपके नाक का आभूषण भी मतवाला है। नख बेसर -नाक में पहने जाने वाला एक आभूषण, छोटी नथ।

कानां में कुण्डल थारे, गले में गलपटियो जी : आपके कानों में कुण्डल हैं और गले में दुपट्टा शोभीत है। थारे- आपके, गलपटियो-गले का पट्टा, दुपट्टा।
तो कुण्डल के नीचे, झूमे चम चम करती बाली जी- कुण्डल के निचे झूमते हुए बालिया हैं। बाली/बाला -कान में पहनने का आभूषण।

हीरा और पन्ना जड़ियो, हार जड़ाऊँ जी- आपका हार हीरो और मोतियों से जड़ित है।
तो कटी पर लटके, लट नागण जैसी काली जी- आपकी कमर पर रत्न जड़ित कमरबंद काली नागिन की भाँती से लटक रहा है।

दुलरी तिलरी भी झूलें, बाजूबंद पूँछी जी- दोहरी और तिहरी बाजूबंद भी लटक रही है।
तो फेंटो गुलनारी ज्यामें, झीणी झीणी जाली जी-आपके फेंटे (पगड़ी) में झीनी झीनी जाली शोभित है।

पीले पीताम्बर माहीं, लहर अनूठी जी- आपके वस्त्र पीले (पीतांबर) हैं जिनमे आप के वस्त्रों की अनूठी लहर उठ रही है।
तो रुणक झुणक बाजे, नूपुर नखराली जी- आपके पांवों में नूपुर छम छम (रुनक झुनक) बज रही है।

श्याम बहादुर थारा, शिव जस गावे जी- श्याम बहादुर जी आपके यश का गान करते हैं।
तो उजड़ये दिला का दाता, थे ही हो बनमाली जी-आप ही संतप्त हृदय के दाता हैं और आप ही उसके माली की भाँती रखवाले हैं।