धाम है यहीं वो गोकुल धाम है यही लिरिक्स Dhaam Hai Yahi Lyrics

धाम है यहीं वो गोकुल धाम है यही लिरिक्स Dhaam Hai Yahi Lyrics, Radha Krishna Bhajan by  Shashi Pathak

चली है राधा बरसाने से,
खेलन श्याम संग होली,
सखियों के संग, चली जहां पे,
धाम है यहीं,
वो गोकुल धाम है यही,
धाम है यहीं,
वो गोकुल धाम है यही।

जहाँ की हर लड़की गोपी,
और लड़का ग्वाला है,
बृज भूमि के होली का तो,
दुनिया में रंग निराला है,

मारते भर भर पिचकारी,
जहाँ मन मोहन गिरधारी,
रहते हैं घनश्याम जहाँ,
धाम है यहीं,
वो गोकुल धाम है यही।

अपने हाथों से कान्हाँ जब,
मुझको रंग लगाएंगे,
तरस रही हूँ के कान्हा,
कब मुझको अंग लगाएंगे,
पार हो जीवन की नैया,
मिलेंगे जब दाऊ के भैया,
जन्म जनम के पाप कटे,
जब धाम है यहीं,
वो गोकुल धाम है यही।

जहाँ की पावन मिटटी से तो,
महक रहा भारत सारा,
निधिवन में जो होती रास है,
चर्चा करता है जग सारा,
बहे जहाँ यमुना की धारा,
वृन्दावन स्वर्ग से है प्यारा,
शिव कुमार भी झुकते जहाँ,
धाम है यहीं,
वो गोकुल धाम है यही।