इश्क करेंगे टूट के अब
रोक सके तो रोक ले दुनिया
अरे इश्क किया तो शर्म क्या
अजी इश्क से बढ़ के कर्म क्या
अब टोक सके तो टोक ले दुनिया
हम दोनों बेमिसाल सज धज के कमाल
बाहें डाले हुए बाहों में जो नाचें
ढिंढोरा बाजे रे
ढिंढोरा बाजे रे
ढिंढोरा बाजे रे
ढिंढोरा बाजे रे
दिन वो गुज़ारे जिनके सितारे
ये जिसका भी अंग लगे
चलना हवा पे जानी है इसको
हैं सुरखाब के पंख लगे
अरे इसके सिंगार में इंद्रधनुष
के ही जितने हैं रंग लगे
ओह जो भी कहिए हुजूर
ये शगन का सिन्दूर
ऐसा चंदा जैसे मुखड़े पे साजे
ढिंढोरा बाजे रे
ढिंढोरा बाजे रे
ढिंढोरा बाजे रे
ढिंढोरा बाजे रे
उलझे के यहां सुलझते नहीं
दिलों के माँझे रे
ढिंढोरा बाजे रे
ढिंढोरा बाजे रे
माँ भौबोतारिणी दूर्गोति हारिणी
दौशो प्रोहोरोणो धारिणी
आई गिरि नंदिनी, नंदिता मेधिनी
विश्व विनोदिनी नन्दनुथे
गिरिवर विन्ध्य सिरोधि निवासिनी
विष्णु विलासिनी जिष्णु नुथे
जय जय हे महिषासुर मर्दिनी
रम्य कपर्दिनी शैल सुथे दुर्गे
जय जय दुर्गे