एक़ हीर तू
होके जुदा रो लेण दे
रो लेण दे
रो लेण दे मिर्ज़िया नु
इक साहिबा तो छूट के
रो लेण दे रो लेण दे
बेदर्द विछोडा मारे
ड्स-ड्स के निगोड़ा मारे
फरियाद सुनि हाय रब्बा
बिछड़ों पे करम फरमा रे
मेहबूब के बदले दुनिया के
बेमतलब सुख सारे
आये काम दुआ न मरहम
ये मर्ज बड़ा महंगा रे
पी लेण दे
हंजुआं नु
दो नैन तू
बहते हैं जो
पी लेण दे
रो लेण दे
रो लेण दे
रो लेण दे..
मिट्टी के दामन
मिट्टी के दामन हैं तो
क्यों प्रेमियों के
दिल कांच के
जो टुटते हैं
जो टूटेते हैं रब्बा
तेरे इशारों पर नाच के
जिन जिन के मुकद्दर में भी
संग रहना नहीं लिखा रे
वे यार खुदाया उनको
मत बेवज़ह मिलवा रे
तुझे इसमें मजा आता हो
भले कुछ ना तेरा जाता हो
पर खेल ये नसीबों का ये
अपने तो नहीं बस का रे
जी लैन दे
आशिकाँ नु
इस खेल से
अंजन ही
जी लैन दे
रो लेण दे रांझेया नु
एक़ हीर तू
होके जुदा रो लेण दे
रो लेण दे
रो लेण दे
रो लेण दे
रो लेण दे