हुस्न सारा उन्हीं पे ख़तम हो गया
जितने चेहरे थे बे-नूर सब हो गए
हुस्न सारे ज़माने का कम हो गया
हम तो नादान थे इश्क़ के खेल में
बे-रुखी को भी चाहत समझते रहें
हंस के मिलना तो आदत थी उनकी मगर
हमको देखो मोहब्बत समझते रहें
ख़्वाब ही ख़्वाब बस वो दिखाते रहें
हमको देखो हकीकत समझते रहें
हंस के मिलना तो आदत थी उनकी मगर
हमने देखी है आँखें बहुत सी मगर
उनकी आँखों में लेकिन अलग बात है
बात करती हुई मुस्कुराती हुई
ऐसी आँखों से पहली मुलाकात है
शौक़ बर्बाद होने का हमको भी था
इश्क़ में हम भी बर्बाद हो ही गए
एक दफा तुम पलट कर तो देखो हमें
हम भी समझेंगे आबाद हो ही गए
हम तो अंजान थे उनकी नीयत से
उनको जागीर अपनी समझते रहें
हंस के मिलना तो आदत थी उनकी मगर
हमको देखो मोहब्बत समझते रहें
ख़्वाब ही ख़्वाब बस वो दिखाते रहें
हमको देखो हकीकत समझते रहें
हंस के मिलना तो आदत थी उनकी मगर