ख़ुशी के बहाने आये
आँखों को रुलाने आये
छूटे सारे जो निभाने आये
रूठे वही जो मनाने आये
क्या रे जिंदगी ये तू क्या दिखाये
ख़ुशी के बहाने आये
आँखों को रुलाने आये
छूटे सारे जो निभाने आये
रूठे वही जो मनाने आये
क्या रे जिंदगी ये तू क्या दिखाये
ख़ुशी के बहाने आये
घर की मेरी चीज़ें सभी
बेघर भटकने लगी
कितना बुलाऊं वो सुनती नहीं
हां सुनके पलटी नहीं
पल ये लम्हे मिटाने आये
रूठे वही जो मनाने आये
क्या रे जिंदगी ये तू क्या दिखाये
ख़ुशी के बहाने आये
आँखों को रुलाने आये