मस्ती गड़ गड़ Masti Gad Gad Lyrics in Hindi – Sunidhi Chauhan

सौ दफा समझाया दिल को
ना सुने मेरी
कह रहा मैं तो करूंगा
जो मेरी मर्ज़ी

सौ दफा समझाया दिल को
ना सुने मेरी
कह रहा मैं तो करूंगा
जो मेरी मर्ज़ी

घुमता गलियों मोहल्ले
बेवजह यूं ही
ये ज़मीन पे उड़ रहा है
इसने हद कर दी

खिड़की दरवाजे खोल दो
जो कहना है वो बोल दो
खुल के जीने का मौक़ा
सबको मिलता है कहां

मस्ती गड़ गड़ पी लेंगे
लम्हे झटपट जी लेंगे
कल की कल ही सोचेंगे
फिर जो होगा होने दो

मस्ती गड़ गड़ पी लेंगे
लम्हे झटपट जी लेंगे
कल की कल ही सोचेंगे
फिर जो होगा होने दो

आधी पौनी खुशियों से तो
अपना काम नहीं चलता है
अपनी ही धुंकी में हम तो रहते हैं यहां
हम सीधे हैं पर हमको तुम
इतना भी सीधा ना समझो
मीठे थोड़े तीखे हैं हम सबको है पता

खुशियों से रिश्ता जोड़ लो
अपनी राहों को मोड़ लो
खुल के जीने का मौक़ा
सबको मिलता है कहां

मस्ती गड़ गड़ पी लेंगे
लम्हे झटपट जी लेंगे
कल की कल ही सोचेंगे
फिर जो होगा होने दो

मस्ती गड़ गड़ पी लेंगे
लम्हे झटपट जी लेंगे
कल की कल ही सोचेंगे
फिर जो होगा होने दो

यारों के संग हों तो अपने
दिल की बीट बदल जाती है
किक बिना हमको
जीने की आदत है कहां

सिर के सारे अंज्जर पंजर
ढीले थे ढीले रहने दो
थोड़ी सी पागल पंती
में भी है इक नशा

हर इक बंदिश को तोड़ दो
खुद को समझना छोड़ दो
खुल के जीने का मौक़ा
सबको मिलता है कहां

मस्ती गड़ गड़ पी लेंगे
लम्हे झटपट जी लेंगे
कल की कल ही सोचेंगे
फिर जो होगा होने दो

मस्ती गड़ गड़ पी लेंगे
लम्हे झटपट जी लेंगे
कल की कल ही सोचेंगे
फिर जो होगा होने दो

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