कभी तो आओ, कभी तो बैठो
कभी तो बात करो, कभी तो आओ
कभी तो आओ, कभी तो बैठो
कभी तो बात करो
कभी तो बात करो, कभी तो आओ
कभी तो आओ, कभी तो बैठो
कभी तो बात करो
रोज़ाना नहीं पर, चाहे रोज़ नहीं पर
सनम मुलाकात करो
कभी तो आओ, कभी तो बैठो
कभी तो बात करो
माना अब तू किसी और का हो गया
दीवाने तेरे हम थे,
अब तू भी दीवाना हो गया
माना अब तू किसी और का हो गया
दीवाने तेरे हम थे,
अब तू भी दीवाना हो गया
मेरे आश्क़ों को जाने दो छोड़ो
तुम उसकी ही बात करो
हमारी क्या ख़ता, हुआ है जो ख़फा
अपना भी क्या कोई, करता है इस तरह
हमारी क्या ख़ता, हुआ है जो ख़फा
अपना भी क्या कोई, करता है इस तरह
नसीबों में क्या लिखा जाने दो छोड़ो
ना नसीबों की बात करो
कभी तो आओ, कभी तो बैठो,
कभी तो बात करो कभी तो आओ