जितना मैं हूँ मेरा उतना ही हूँ तेरा
एक दिल, एक जान, हम हैं दोनों कहाँ
जिस्म से रूह तक, मुझमें है तू बसा
एक दिल, एक जान, हम हैं दोनों कहाँ
जिस्म से रूह तक, मुझमें है तू बसा
तू ही तो मेरी दुआओं में
है धड़कता एहसास है तू
तुझे ही तुझे देख कर ही
मैं हूँ जीता, मेरी सांस है तू
दिन तेरे दरबादर, तुझमें है मेरा घर
लापता सा हूँ मैं, तू मेरा है पता
रो तू, मेरे आंसू में
तू है बहता, मेरी आंखों से रे
मेरा दिन तेरे साथ ढलता
फिर निकलता तेरी रातों से रे
तू मेरी शाम है, मेरा आराम है
ज़िंदगी दर्द है तू दवा है
जितनी मैं हूँ मेरी उतनी ही हूँ तेरी
एक दिल, एक जान, हम हैं दोनों कहाँ
जिस्म से रूह तक, मुझमें है तू बसा