कहां शुरू कहां खतम Kahan Shuru Kahan Khatam Title Song Lyrics in Hindi – Dhvani Bhanushali

तेरे मेरे बीच में जो बेतुकी सी बात हो रही है
आ रहा है जी मज़ा
रुके ना मेरे ख़्वाबों में तेरा तेरे ख़यालों में
मेरा यूँ रात दिन आना जाना

के अजनबी थे हम कभी मगर ज़रा भी अब नहीं
हुआ है क्या ज़रा हमें ये समझाना

अजीब दास्तां है ये
कहां शुरू कहां खतम
ये मंज़िलें हैं कौन सी
ना वो समझ के ना हम

अजीब दास्तां है ये
कहां शुरू कहां खतम
ये मंज़िलें हैं कौन सी
ना वो समझ के ना हम

या तो सीधा सीधा मुझसे तू कह दे
कि तेरे दिल में है क्या
ऐसे मुझसे टेढ़ी मेढ़ी उल्टी सीधी
पहेली तो न बुझा

तुमसे दिल लगा के बैठे
थक गए थे सहते सहते
थम गए हैं जिस जगह है तू मिला

कोई तो वजह भी होगी
हम मिले जो दोनों ऐसे
ख़ामख़ा नहीं हमारा सिलसिला

रुके ना मेरे ख़्वाबों में तेरा तेरे ख़यालों में
मेरा यूँ रात दिन आना जाना
के अजनबी थे हम कभी मगर ज़रा भी अब नहीं
हुआ है क्या ज़रा हमें ये समझाना

अजीब दास्तां है ये
कहां शुरू कहां खतम
ये मंज़िलें हैं कौन सी
ना वो समझ के ना हम

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