आया न कोई तेरे बाद कभी
ये दिल का सहर खाली ही रहा
तेरे ख्वाब लिए उस मोड़ पे ही
मैं शामों सेहर ठहरा ही रहा
ये दिल का सहर खाली ही रहा
तेरे ख्वाब लिए उस मोड़ पे ही
मैं शामों सेहर ठहरा ही रहा
बेसार बेनिशान बेइरादा हो गया
इश्क तुमसे मुझे थोड़ा ज्यादा हो गया
बेसार बेनिशान बेइराादा हो गया
इश्क तुमसे मुझे थोड़ा ज्यादा हो गया
तुमसे हुआ था जो कभी
था झूठ या सच था
वो इश्क था या फिर कोई
शौकी मोहब्बत था
ये जान तुम्हारी ही है
तुमने हक से कभी मांगी ही नहीं
तन्हाई से लड़ न पाऊंगा
यादों से झगड़ न पाऊंगा
दरिया में तुम्हारे दर्द के
उतरूंगा तो जल पाऊंगा
जिसके मैं नशे में चूर था
जिसका हर घड़ी फितूर था
परछाई बनाया था जिसे
पास होकर भी मुझसे दूर था
बेसार बेनिशान बेइराादा हो गया
इश्क तुमसे मुझे थोड़ा ज्यादा हो गया
बेवजह बेख़बर बेइराादा हो गया
इश्क तुमसे मुझे थोड़ा ज्यादा हो गया