भोला भला था सीधा साधा था
मैं तो नादान था
दुनियादारी से होशियारी से
मैं तो अंजान था
मैं तो नादान था
दुनियादारी से होशियारी से
मैं तो अंजान था
लगी चोट ऐसे ही मेरे भोले दिल पे
बिखर सा गया टूट के
जो धागे से छूटा ये रिश्तों का मोती
जुड़ेगा ना अब छुट के
जहरिले सपने ने मेरे ही अपनों ने
मुझको है खोखा दिया
मेरे ढोल ना सुन मेरे दर्द की धुन
मेरे ढोलना सुन मेरी नफ़रत तू फ़िज़ा में बहेगी
ज़िंदा रहेगी हो कर फ़ना
ता नी धा ना धूम ता नी धा नी धूम
ता नी धा ना धूम ता नी धा नी धूम
आधा अदुरा था बदन ये मेरा
एक गर्ग
था जो घर था मेरी जन्नत
एक नर्क था
आधा अद्भुत था बदन ये मेरा
एक गर्ग था
जो घर था मेरी जन्नत
एक नर्क था
ये तख्त ताज सब तेरे हैं
मैं तो चला के छोड़ूंगा
जिंदा बचेगा ना कोई
सबको मिटा के छोड़ूंगा
ये जिस्म ख़तम होता है
ये रूह तो नहीं मरती
चाहे कोई सितमगर हो
ये रूह तो नहीं डरती