बेकाबू बंद होके पागल सैलाब बन गई
कैद थी जो उड़ान अब वो आसमान बन गई
मैंने तीर सा इरादा पूरे से बस थोड़ा ज्यादा
किस्सा नहीं वो पूरी दास्तान बन गई
कैद थी जो उड़ान अब वो आसमान बन गई
मैंने तीर सा इरादा पूरे से बस थोड़ा ज्यादा
किस्सा नहीं वो पूरी दास्तान बन गई
छोड़े ना जोड़ों के निशान तूफान
जोर होगा बेजुबान तूफान
रुक्की झुकी दभी कभी चले तो आग बन गई
लिखा जो इसके रास्ते की किताब बन गई
बाबरी नदी रास्ता गढ़ जली
आ गई मजबूर से बड़ी
पूरी खुद का ही मुकाम तूफान
छोड़े ना पैरों के निशान तूफान