यादों के झरोखों से अक्सर
मैं तुमको निहारा करती हूं
मैं तुमको निहारा करती हूं
तुम भूल भी जाओ पर मैं तो
तुम भूल भी जाओ पर मैं तो
तुमको ही पुकारा करती हूं
यादों के झरोखों से अक्सर
मैं तुमको निहारा करती हूं
यादों के झरोखों से अक्सर
मैं तुमको निहारा करता हूं
यादों के झरोखों से अक्सर
मैं तुमको निहारा करता हूं
तुम भूल भी जाओ पर मैं तो
तुम भूल भी जाओ पर मैं तो
तुमको ही पुकारा करता हूं
यादों के झरोखों से अक्सर
मैं तुमको निहारा करती हूं
सचमुच में कितनी नादान हो तुम
मुझे जान के भी तो अनजान हो तुम
तुम इश्क नहीं हो बस मेरे लिए
जो मुझ में बसी है वो जान हो तुम
मेरी जान हो तुम मेरी जान हो तुम
ये आंखें जहां तक भी जाए
ये आंखें जहां तक भी जाए
बस तेरा ही नजारा करता हैं
यादों के झरोखों से अक्सर
मैं तुमको निहारा करता हूं
मैं तुमको पुकारा करती हूं