मोरनी बागा मा बोले आधी रात मा
घनन घन गोलिया घन गोलिया
है चल गई देख रात मा
गोलिया है चल गई रात मा
मोरनी बागा मा बोली आधी रात मा
मोरनी बागा मा बोले आधी रात मा
आके खड़ा हो जो अपने बराबर
हर बंदे की औकात नहीं है
अब कोई बढ़िया सा दुश्मन चाहिए
इनके बस की बात नहीं है
लम्बो में बैठा मैं नादा है लमका
नाइके के जूते एलवी का गमछा
यार है सारे कोई सा ना चमचा
मसले हैं भारी हाथ हैं हल्का
आंख मिले तो ना आंख झपकती
रोटी बस प्याज की चटनी
दिन हो किसी का भी रातें हैं अपनी
मेफ़िल तेरी बात है अपने
दब में पड़े हैं उड़न खटोले
सीधा ऊपर उल्टा जो बोले
निकले शरीर से फुर फुर
करती हुई फिर आत्मा
मोरनी बागा मा बोले आधी रात मा
मोरनी बागा मा बोले आधी रात मा
घनन घन गोलिया घनन घन गोलिया
है चल गई देख रात मा
गोलिया है चल गई रात मा
मोरनी बागा मा बोले आधी रात मा
साढ़े चार की गाड़ी है पतलो
पौ की राखी घड़ी है
किसी शहर में पुलिस वह आगे
किसी शहर में पीछे पड़ी है
मार के भी घुटने टेक नहीं सकते
यार और जूते फेंक नहीं रखते
नाम भी रखते हैं केस भी चलते
भोले के कहने पे फेस भी छपते
फूल कोई भी बैंड करा दे
पहन ले जो हम ट्रेंड बना दे
बोली से सूरत आंखों में मस्ती
शुरू ना करते एंड करा दे
गेम कभी भी फिसला ना हाथ से
यार वो साथ जो पहली से साथ द
गौर से देखो लड़का है ये अजूबा आठवा
मोरनी बागा मा बोले आधी रात मा
मोरनी बागा मा बोले आधी रात मा
घनन घन गोलिया घनन घन गोलिया
हे चल गई देख रात मा
गोलिया है चल गई रात मा
मोरनी बागा मा बोले आधी रात मा
इट्स ए बॉय बादशाह!