अपनी है तू अंजुमन की तू जान
महक भी है तू तुझ सा कोई कहाँ
महक भी है तू तुझ सा कोई कहाँ
कोई मेरे जैसी ना होगी यहाँ होगी यहाँ
सबसे जुदा है मेरी अदा
जो ले सबकी जान
हूँ ऐसी मैं लैला मैं लैला
मेरी निगाहों ने जादू उजाला
मुश्किल से लोगों ने दिल को संभाला
थोड़ा अंधेरा है थोड़ा उजाला
मंजर ये कहता है कुछ होने वाला
मेरे सारे जलवे हैं कातिल बड़े कातिल बड़े
सारा जहां है मुझ पे फिदा
जो ले सबकी जान
हूँ ऐसी मैं लैला मैं लैला
जो ले सबकी जान
तू ऐसी है लैला ओ लैला