ठहरे रहें Thehre Rahen Lyrics in Hindi – Jubin Nautiyal

रोते-रोते
ठहरे रहें वही हम मगर
पैरों तले चल पड़ी ये ज़मीन
जाना नहीं था जिस गली
लगता है हम जा रहे हैं वहीं

हमारे भरोसे न छोड़ो हमें
कि आवाज़ देकर रोको हमें

आवारगी ले चली है वहाँ पे
जहाँ होश में कोई जाता नहीं
आवारगी ले चली है वहाँ पे
जहाँ होश में कोई जाता नहीं

ठहरे रहें वही हम मगर
पैरों तले चल पड़ी ये ज़मीन

निगाहों को जचता नहीं है कोई
तुम्हारी यूँ आदत हुई
कोई खेल हमसे खेला गया
कोई तो शरारत हुई

आईने सभी हुए अजनबी
हम इतना तो बदले नहीं थे कभी
बेख़्यालियाँ हैं घेरे हुए
हम ऐसे तो पहले नहीं थे कभी

ये हम हैं या फिर कोई और ही है
ये भी समझ अब तो आता नहीं
आवारगी ले चली है वहाँ पे
जहाँ होश में कोई जाता नहीं

ठहरे रहें वही हम मगर
पैरों तले चल पड़ी ये ज़मीन

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