तुमसे जीवन बाँध लिया है
धूप और बरसातों तक
तुमसे जीवन बाँध लिया है
धूप और बरसातों तक
धूप और बरसातों तक
तुमसे जीवन बाँध लिया है
धूप और बरसातों तक
तुम ही तुम हो मेरे दिन में
तुम ही तुम हो रातों तक
लगा तुमसे मन
यूं लगा तुमसे मन
के लगा तुमसे मन
ओ पिया ओ पिया
लगा तुमसे मन
यूं लगा तुमसे मन
के लगा तुमसे मन
ओ पिया हो ओ ओ
तेरे खातिर जीती हूँ मैं
तेरे खातिर सजती हूँ
तेरी आँखें कह देती हैं
तुझको सुंदर मैं लगती हूँ
तुझको सुंदर लगती हूँ
यूं ही बाँध कर रखना मुझको
अपनी प्रीत के धागों तक
तुम ही तुम हो जब मैं जागूँ
तुम ही तुम हो ख्वाबों तक
लगा तुमसे मन
यूं लगा तुमसे मन
के लगा तुमसे मन ओ पिया
लगा तुमसे मन
यूं लगा तुमसे मन
के लगा तुमसे मन
ओ पिया ओ पिया
लगा मन तुमसे ओ पिया
के लगा तुमसे मन
ये लगा तुमसे मन
ये लगा तुमसे मन हो पिया