लबों पे सौ सवाल थे
सह गए सितम तेरे
दीवाने हम कमाल थे
मर ही जाएंगे ना रहना इस ख्याल में
जाओ छोड़ के मुझे तुम मेरे हाल पे
तेरा कसूर था या मेरा कसूर
पर टूटा तो दिल है तेरे प्यार में
तेरा कसूर था या मेरा कसूर
पर टूटा तो दिल है तेरे प्यार में
सब है कबूल सिर झुका के मंज़ूर
अगर तुम्हारी खुशी है मेरी हार में
तेरा कसूर था या मेरा कसूर
पर टूटा तो दिल है तेरे प्यार में
सीने से लगाकर रोएं
बाहों में हमारी सोएं
बारिशों में भीगें मेरे साथ क्यों
तुम बताओ ना
ये झूठ पता था तुमको
भूल जाओगे तुम हमको
छोड़ने को थामे मेरा हाथ क्यों
तुम बताओ ना
फेंका यादों से भी हमको निकाल के
जाओ छोड़ के मुझे तुम मेरे हाल पे
तेरा कसूर था या मेरा कसूर
पर टूटा तो दिल है तेरे प्यार में
तेरा कसूर था या मेरा कसूर
पर टूटा तो दिल है तेरे प्यार में
सब है कबूल, सिर झुका के मंज़ूर
अगर तुम्हारी खुशी है मेरी हार में
तेरा कसूर था या मेरा कसूर
पर टूटा तो दिल है तेरे प्यार में
सब है कबूल सिर झुका के मंज़ूर
अगर तुम्हारी खुशी है मेरी हार में
जीते जी हम मर जाएंगे
ना मुड़ के कभी आएंगे
ना लेंगे नाम तुम्हारा
दुनिया से गुज़र जाएंगे
जब सोचा था तेरी आंखों में
आंसू बनके भर जाएंगे
इससे पहले तुम हमें गिराओ
हम खुद ही उतर जाएंगे