हैसियत पूछते हैं सभी
इस शहर में
हाल पूछता नहीं कोई
इस शहर में
हाल पूछता नहीं कोई
जेब देखते हैं सभी
इस शहर में
दिल देखता नहीं कोई
अकेला हूं शहर में
मेरा कोई नहीं है
रातों में जागा हूं
आंखें सोई नहीं हैं
जिसके लिए सब छोड़ आए हैं
वो होना चाहिए संग वो ही नहीं है
कपड़े हैं किताबें हैं
और थोड़ा सा सामान है
घर नहीं है ये मेरा
बस एक मकान है
वापस आ जा कह के
मां तो रो ही रही है
लोग हैं शहर में
इंसान कोई नहीं है
जिस्म मांगते हैं सभी
इस शहर में
हाथ मांगता नहीं कोई
हैसियत पूछते हैं सभी
इस शहर में
हाल पूछता नहीं कोई
ना बातें करना रातों की
ना दिल की ना जज़्बातों की
मरते हैं हुस्न वाले सब जब
जब पैसों की बरसात होती
पैसा है या कोई जादू
पैसे में करामात होती
जिसके संग पैसा रहता है
दुनिया उसके साथ होती
सूरत देखते हैं सभी
इस शहर में
सीरत देखता नहीं कोई
हैसियत पूछते हैं सभी
इस शहर में
हाल पूछता नहीं कोई