बात निराली सुन जा
बात निराली
बात निराली मन की
बात निराली
बात निराली
बात निराली मन की
बात निराली
उतनी सरल बात नहीं
हर कोई पकड़ा
जितना सुनेगा उतना
होगी खुशहाली
बात निराली सुन जा
बात निराली
बात निराली मन की
बात निराली
थी जहाँ अभी तो छाँव
थमे तो जल जाते पांव
थी जहाँ अभी तो छाँव
थमे तो जल जाते पांव
अजब से भंवर में है तू
पल में पलटे समझ ले तू
तभी तो
बात निराली सुन जा
बात निराली
बात निराली मन की
बात निराली
डालियाँ सूखी परंतु
अरे जी रहे हैं जीव जंतु
देखो परबती डगर पे
लो गिरी चट्टान सर पे
बात ना सुनोगे
पल पल यही भुगतोगे
बात ना सुनोगे
पल पल यही भुगतोगे
पत्थरों को तोड़ने कोई
अपना माथा क्यों पटके
तभी तो
बात निराली सुन जा
बात निराली
बात निराली मन की
बात निराली
बात निराली सुन जा
बात निराली
बात निराली मन की
बात निराली