तेरे सिवा अपना नसीब कोई ना
संग तेरे रहना ख़याल बनके
आती मुझे दूजी तरक़ीब कोई ना
कहता है तुझको हसीन आईना
तुझमें ही रहता है लीन आईना
बोलो इसे मुझको जलाया न करे
लेना मैंने तुझसे ये छीन आईना
मुझसे ही सुन ले तारीफ़ अपनी
शादी वाली मिलती लकीर अपनी
तेरी मेरी दुनिया बसेगी जिसमें
आने वाली जल्दी तारीख़ अपनी
तू तो मेरे सुरमे जैसा
तू तो मेरे सपने जैसा
आँखों में रखना है
सबसे छुपा के तुझको
चुपके से मर्ज़ी से
चाहूँगी तुझको
यारा मेरे दिल के करीब कोई ना
तेरे सिवा अपना नसीब कोई ना
संग तेरे रहना ख़याल बनके
आती मुझे दूजी तरक़ीब कोई ना
दिलों की अमीरी में गरीब कोई ना
आशिक़ों से बढ़ के अजीब कोई ना
आँखें मिलें जब-तब जान पे बने
इश्क़ से ऊँची तो सलीब कोई ना
(तेरे जैसा इक मेरा यार आईना
चढ़ती जवानी का शिंगार आईना
देखो मुझे कितना ग़ुरूर हो गया
लेके आईं मुझपे निखार आईना)
चुरा ले मुझे अब सजना तू सारा
जवानी तेरे नाम कर दी मैंने यारा
लगा के तुझे होंठ से अपने देखूँ
कहाँ से तू मीठा कहाँ से खारा
पानियों पे बहते चिराग़ जैसी तू
महके गुलाबों के है बाग़ जैसी तू
ठंडी होती आँखें तुझे देख के
छूने से तो लगती है आग जैसी तू
यारा मेरे दिल के करीब कोई ना
तेरे सिवा अपना नसीब कोई ना
संग तेरे रहना ख़याल बनके
आती मुझे दूजी तरक़ीब कोई ना
तेरा मेरा एक जैसा हाल हो गया
दूरियों में रहना मोहाल हो गया
लेके आ जा जल्दी बरात महीया
रंग मेरी मेंहदी का लाल हो गया
तू तो मेरे सुरमे जैसा
तू तो मेरे सपने जैसा
आँखों में रखना है
सबसे छुपा के तुझको
चुपके से मर्ज़ी से
चाहूँगी तुझको
यारा मेरे दिल के करीब कोई ना
तेरे सिवा अपना नसीब कोई ना
संग तेरे रहना ख़याल बनके
आती मुझे दूजी तरक़ीब कोई ना
मैं तेरे पे मर गई सजना रे
तू समझा ना
इश्क़ से मैं भर गई सजना रे
तू समझा ना
तेरे आगे-पीछे घूमती फिरूँ
पिए बिना ही मैं झूमती फिरूँ
तेरे साये को भी चूमती फिरूँ
मेरी जान तुझपे निसार सजना
यारा मेरे दिल के करीब कोई ना
तेरे सिवा अपना नसीब कोई ना
संग तेरे रहना ख़याल बनके
आती मुझे दूजी तरक़ीब कोई ना