साहिल कोई मिला
तुझसे मुलाक़ात में
हर वक्त ये लगा
तू साथ है तो
जीने के
काबिल है ये जहां
तू साथ है तो
जीने के
काबिल है ये जहां
तेरा करम है जिंदगी में
शामिल मुझे किया
तेरे बिना कर रहा था
रश्म-ए-ज़िंगदी अदा
तेरे बिना कर रहा था
रश्म-ए-ज़िन्दगी अदा
हां बन गया फिर
तेरी खातिर
मंजिल का तू पता
तू साथ है तो
जीने के
काबिल है ये जहां
तू पास हो तो
सुकून दिल के
पास होता है
उन्हीं लम्हों का
हर एक लम्हा
खास होता है
तू पास हो तो
सुकून दिल के
पास होता है
उन्हीं लम्हों का
हर एक लम्हा
खास होता है
हां तुझसे मिलके होता हूं
जिस पल भी मैं जुदा
हां तुझसे मिलके होता हूं
जिस पल भी मैं जुदा
मेरे ज़ेहन में
है रे जाति
कातिल तेरी अदा
तू साथ है तो
जीने के
काबिल है ये जहां
तू साथ है तो
जीने के
काबिल है ये जहां
काबिल है ये जहां
काबिल है ये जहां
माही मेरे माही मेरे
सुनले सदाये
लफ्जों में जो ढल के
ज़ुबान पे ना आये
काबिल है ये जहां
तुझको ही सफर में
चाहे मेरी बाहें
माही मेरे माही मेरे
सनले सदायें
काबिल है ये जहां
माही मेरे माही मेरे
सुनले सदाये
लफ्जों में जो ढल के
ज़ुबान पे ना आये
माही मेरे माही मेरे
सुनले सदाये
तू साथ है तो
जीने के
काबिल है ये जहां