शीश झुकाऊँ ध्यान लगाऊ लिरिक्स Sheesh Jhukau Dhyan Lagau Lyrics

शीश झुकाऊँ ध्यान लगाऊ लिरिक्स Sheesh Jhukau Dhyan Lagau Lyrics, Khatu Shyam Ji Bhajan by

शीश झुकाऊँ ध्यान लगाऊ,
करता रहूं गुणगाण,
प्रभु करता रहूं गुणगाण,
जोत जगाऊँ, पुष्प चढ़ाऊँ,
पूजा करूँ सुबह शाम,
तेरी पूजा करूँ सुबह शाम,
शीश झुकाऊँ ध्यान लगाऊ,
करता रहूं गुणगाण।

सुन्दर कुंड बना खाटू में,
शोभा जिसकी न्यारी है,
स्नान करें जो श्याम कुंड में,
वो जीवन बलिहारी है,
श्याम, वो जीवन बलिहारी है,
शीश झुकाऊँ ध्यान लगाऊ,
करता रहूं गुणगाण।
तेरा करता रहूं गुणगाण।
शीश झुकाऊँ ध्यान लगाऊ,
करता रहूं गुणगाण,
प्रभु करता रहूं गुणगाण।

शीश मुकुट बाबा के सोहे,
गल पुष्पन की माला है,
मोरछड़ी हाथों में सोहे,
भगतन का रखवाला है,
शीश झुकाऊँ ध्यान लगाऊ,
करता रहूं गुणगाण।
तेरा करता रहूं गुणगाण।
शीश झुकाऊँ ध्यान लगाऊ,
करता रहूं गुणगाण,
प्रभु करता रहूं गुणगाण।

देव देवादि नारद शारद,
तेरा पार ना पाया है,
दीन दयालू, नाथ कृपालु,
तेरी शरण में आया है,
शीश झुकाऊँ ध्यान लगाऊ,
करता रहूं गुणगाण।
तेरा करता रहूं गुणगाण।
शीश झुकाऊँ ध्यान लगाऊ,
करता रहूं गुणगाण,
प्रभु करता रहूं गुणगाण।

निर्धन को धन धान हैं देते,
बांझन पुत्र झुलाते हैं,
मन का राज कुंवर पाकर के,
कन्या मन हर्षाते हैं,
शीश झुकाऊँ ध्यान लगाऊ,
करता रहूं गुणगाण।
तेरा करता रहूं गुणगाण।
शीश झुकाऊँ ध्यान लगाऊ,
करता रहूं गुणगाण,
प्रभु करता रहूं गुणगाण।