म्हाने खुद पे है साँवरिया घणों नाज़ लिरिक्स Mhane Khud Pe Hai Swanwariya Lyrics

म्हाने खुद पे है साँवरिया घणों नाज़ लिरिक्स Mhane Khud Pe Hai Swanwariya Lyrics, Khatu Shyam Ji Bhajan by Shyam Agarwal

म्हाने खुद पे है साँवरिया,
घणों नाज़,
थे हो म्हारे कुल का देव,
म्हाने खुद पे है साँवरिया,
घणों नाज़,
थे हो म्हारे कुल का देव,
म्हारी खुशियाँ का ही राज़,
थे हो म्हारे कुल का देव,

थारे चलते ही ऊँची गर्दन करके,
म्हे चाला,
म्हारे सर पे हाथ है थारो,
जान गया जग वाला,
म्हारे मनड़े री साँची है आवाज़,
के थे हो म्हारे कुल का देव,
म्हाने खुद पे है साँवरिया,
घणों नाज़,
थे हो म्हारे कुल का देव,

म्हाने चिंता क्यांकि फ़िक्र है,
बाबो म्हारे सागे,
सुख में दुःख में बाबो म्हारो,
हरदम आवे आडो,
सारे दुखड़ा रो एक इलाज,
के थे हो म्हारे कुल का देव,
म्हाने खुद पे है साँवरिया,
घणों नाज़,
थे हो म्हारे कुल का देव,

जद से श्याम शरण में आयो,
जान गयो जग सारो,
छाती ठोक के बोलूं,
म्हाने पग पग थारो सहारो,
थारे होते कइया जासी,
म्हारी लाज़,
के थे हो म्हारे कुल का देव,
म्हाने खुद पे है साँवरिया,
घणों नाज़,
थे हो म्हारे कुल का देव, 

म्हाने खुद पे है साँवरिया घणों नाज़ लिरिक्स Mhane Khud Pe Hai Swanwariya Meaning, Khatu Shyam Ji Bhajan by Shyam Agarwal

म्हाने खुद पे है साँवरिया घणों नाज़ : हमें (म्हाने) खुद पर नाज है, गर्व है। नाज़-किसी व्यक्ति पर गर्व होना या किसी की नज़र में अपने आप को को मक़बूल-ओ-अज़ीज़ बनाने का एक अंदाज़। घना एक राजस्थानी शब्द है जिसका अर्थ बहुत से लिया जाता है।
थे हो म्हारे कुल का देव : थे (आप), श्री खाटू श्याम जी हमारे कुल दे देवता है।
थारे चलते ही ऊँची गर्दन करके म्हे चाला : आपने आर्शीवाद के होने के कारण ही हम अपनी गर्दन ऊँची करके चलते हैं।
म्हारे सर पे हाथ है थारो जान गया जग वाला : हमारे सर पर आपका हाथ है यह सम्पूर्ण जगत जान गया है।
म्हारे मनड़े री साँची है आवाज़ के थे हो म्हारे कुल का देव : आप मेरे मन की सच्ची आवाज़ हैं,
म्हाने चिंता क्यांकि फ़िक्र है बाबो म्हारे सागे : हमें आपके होते क्या चिंता है।
सुख में दुःख में बाबो म्हारो हरदम आवे आडो : सुख दुःख में आप ही हमारी रक्षा करते हैं। आड़ा आने से भाव है की रक्षा करना, हिफ़ाजत करना।
सारे दुखड़ा रो एक इलाज- हमारे दुखों का एक ही इलाज है।
जद से श्याम शरण में आयो, जान गयो जग सारो : जब से (जद ) से आपकी शरण में आया हूँ सब जग जान गया है।
छाती ठोक के बोलूं,  म्हाने पग पग थारो सहारो, : मैं छाती तान कर कहता हूँ।
थारे होते कइया जासी, म्हारी लाज़ : आपके होते कैसे (कइया) मेरी लाज जायेगी।