आधी है तेरी
जो मेरे इन हाथों में है
वो लकीरें तेरी
हों ही नहीं मैं मुकम्मल तेरे बिन
हों ही नहीं मैं मयस्सर तेरे बिन
हों ही नहीं मैं मुकम्मल तेरे बिन
हों ही नहीं मैं मयस्सर तेरे बिन
आधी सांस मेरी
आधी है तेरी
जो मेरे इन हाथों में है
वो लकीरें तेरी
तुझसे मेरा वो रिश्ता है
जो साँसों का हवाओं से लगता है
ढूँढू मगर मैं कुछ खुद में
तेरे सिवा कुछ ना मिलता है
तू ही ज़रूरी तू ही ज़रूरत
अक्स हों मैं मेरी तू ही हकीकत
धुल गयी हों मैं मुझसे
साफ मुझमें तू ही दिखता है
आधी सांस मेरी
आधी है तेरी
जो मेरे इन हाथों में है
वो लकीरें तेरी
हर सफ़र मेरा सजता है जब
कदम पे कदम तू रखता है
देखूँ जब जब मैं तुझे
तेरी हवाओं में दिल उड़ता है
तू आशिक़ी तू ही ख़ुशी है
तू आसमा मेरी तू ही ज़मीं
दूर हुआ हूँ मैं सबसे
तू ख्वाब मेरे सजा जा ना
आधी सांस मेरी
आधी है तेरी
जो मेरे इन हाथों में है
वो लकीरें तेरी