तू बूंदें हैं बारिश की
मैं शोला हूं सनम
भीगे भीगे मौसम में जलते हैं दो बदन
क्या चाहत के आलम में है
आ करले कुछ खाता
सारी रात ना सोने देंगे
एक दूजे को हम
दूरियाँ न रहें दरमियाँ
अब ना रोको जरा भी कदम
आख़िर तुम्हें आना है
ज़रा देर लगेगी
आख़िर तुम्हें आना है
ज़रा देर लगेगी
बारिश का बहाना है
ज़रा देर लगेगी
आख़िर तुम्हें आना है
ज़रा देर लगेगी
मैं शोला हूं सनम
भीगे भीगे मौसम में जलते हैं दो बदन
क्या चाहत के आलम में है
आ करले कुछ खाता
सारी रात ना सोने देंगे
एक दूजे को हम
दूरियाँ न रहें दरमियाँ
अब ना रोको जरा भी कदम
आख़िर तुम्हें आना है
ज़रा देर लगेगी
आख़िर तुम्हें आना है
ज़रा देर लगेगी
बारिश का बहाना है
ज़रा देर लगेगी
आख़िर तुम्हें आना है
ज़रा देर लगेगी
एक दूजे में खो जायेंगे हम
जैसा जिस तरह
जैसा जिस तरह
खुशबू में खुशबू मिल जाती है
जैसा वैसा ताराह
जैसा जिस तरह
मुझ में मैं तुझ में तू
कुछ भी बाकी ना रहे
हम दोनों में कुछ भी अपनी जाति ना रहें
वक्त से भी कहो चुप रहो
आज अपनी हमें कहने दो
जज़्बानों को जगाना है
ज़रा देर लगेगी
आख़िर तुम्हें आना है
ज़रा देर लगेगी
बारिश का बहाना है
ज़रा देर लगेगी
आख़िर तुम्हें आना है
ज़रा देर लगेगी