उसकी जुदाई का
कोई गम नहीं था वैसे
उसकी जुदाई का
पर ये क्या बोला उसने
पच्चते रहते हैं
अरे उसने हमको छोड़ा
है ये बात कहके
अरे उसने हमको छोड़ा
है ये बात कहके
के तेरे जैसे लोग तो
आते रहते हैं
हम मरेंगे जल्दी जल्दी
पर किश्तों किश्तों में
अब इतनी ज्यादा चलती है
अपनी फरिश्तों में
अब इतनी ज्यादा चलती है
अपनी फरिश्तों में
हो अपना तो हर दिन मरना
सो अपनी अर्थी को
फरिश्ते हर दूजे दिन
उठाते रहते हैं
अरे उसने हमको छोड़ा
है ये बात कहके
के तेरे जैसे लोग तो
आते रहते हैं
अरे उसने हमको छोड़ा
है ये बात कहके
के तेरे जैसे लोग तो
आते रहते हैं
जिस पेड़ ने तुमको छाँव दी
वो जड़ कट बैठे
हम उड़ रहे थे आसमाँ में
पर कट बैठे
तेरी तस्वीरें जलाने के
चक्कर में जाने जा
हम ऐसे आशिक़ तेरे
अपना घर जला बैठे
हो अपना घर जला बैठे
हो अब इतनी नफ़रत है हमको
हाये तेरे चेहरे से
के तेरी तस्वीरों को
जहर खिलाते रहते हैं
अरे उसने हमको छोड़ा
है ये बात कहके
के तेरे जैसे लोग तो
आते रहते हैं
अरे उसने हमको छोड़ा
है ये बात कहके
के तेरे जैसे लोग तो
आते रहते हैं
सारी रात रोते रहते हैं
रुलाते रहते हैं
ओ सारी रात रोते रहते हैं
रुलाते रहते हैं
धक्के लिखे हैं कर्मों में
सो खाते रहते हैं
ना कोई हसाने वाला
ना नचाने वाला हमको
तो खुद का हाथ पकड़ के
खुद को नचाते रहते हैं
हम इतने पागल हो गए
तेरे जाने के बाद
के भुजे हुए दीयों को
भुजाते रहते हैं
अरे उसने हमको छोड़ा
है ये बात कहके
के तेरे जैसे लोग जानी
आते रहते हैं