गज का घूँघट काढ़ लिया
मने माथे बिंदी लाके
हाय गल में मने कंठी पेहरी
चली दोघड़ थके
मने माथे बिंदी लाके
हाय गल में मने कंठी पेहरी
चली दोघड़ थके
ना सर्र ते दोघड़ हाली
होरी सब के खटक
बहु घणी रे चटक चले मटक मटक
बहु घणी रे चटक चले मटक मटक
बहु घणी रे चटक चले मटक मटक
चूंदड़ी जयपुर की मेरी
तगड़ी बीकानेर की
हो बनके मोरनी चालू
जुतती मेरी जैसलमेर की
बनके मोरनी चालू
जुतती मेरी जैसलमेर की
जब घूम्या मेरा दामन
गए सब रे झटका
(सब रे झटका)
बहु घणी रे चटक चले मटक मटक
बहु घणी रे चटक चले मटक मटक
बहु घणी रे चटक चले मटक मटक
कुर्ती मेरी चटकीली सी
चाल मेरी मटकिली सी
जे श्याही घाल के चालू
जले सारी हाले दिल्ली सी
जे श्याही घाल के चालू
जले सारी हाले दिल्ली सी
हो मने देख अनिरुद्ध तालु
गया रे भटक
(गया रे भटक)
बहु घणी रे चटक चले मटक मटक
बहु घणी रे चटक चले मटक मटक
बहु घणी रे चटक चले मटक मटक