पूर्वज जहां का राम है
भक्त स्वयं हनुमान है
तू जन्मा है जिस धरती पर
गर्व कर वह भारत है
तू हिंदू है अभिमान कर
हर नारी का सम्मान कर
इस माटी को माथे लगा
इस धरती को प्रणाम कर
शक्ति और शिव का अंश तू
तुझ में देवों का रक्त है
दुश्मनों का है विध्वंश
तू वीर है देशभक्त है
तू जन्मा है देव भूमि में
शिव का ये तुझ तुझे वरदान है
तू सबको गले लगाता है
भारत वंशी तू महान है
वहां बहती गंगा मैया है
और पूजी जाती गैया है
जिसकी करे हिमालय रक्षा
जिसने हंस के दुश्मन को भी है बक्शा
शिव शंभू का शंख यहां
कृष्ण का मोर पंख यहां
गीता का सार यहां
विष्णु हर बार यहां
विश्व गुरु भारत
तेरी देवी शेरावाली है
तू शिव की संतान है
तू सौभाग्यशाली है
तेरा देश भारत है
दुश्मनों का तू शंखनाथ
तू ललकार है
शिव का तू त्रिशूल है
तू दुर्गा की तलवार है
इस भूमि का जो सत्य है
वह सत्य ते राम नाम है
राम का तो वंशज है
यहां शिव का तुझे वरदान है
इस देश में बहती गंगा है
भगवा आसमान है
जिस देश में तू जन्मा है
वो देश बहुत महान
निरबल का तू रक्षक है
पीछे तेरे हनुमान है
तेरा कोई आरंभ नहीं
ना तेरा कोई समाप्त है
सेकड़ो की सेना पर तू एक ही पर्याप्त है
यहाँ मर के भी अमर बने जो
वीरगति को प्राप्त है
एक हाथ में शस्त्र है
जिसके एक हाथ में शास्त्र है
वो विश्व गुरु भारत ही एक मात्र है