इक वारी तू किसे गैर दा होया
छड्ड के छावन दोपहर दा होया
इक वारी तू किसे गैर दा होया
छड्ड के चावन दोपहर दा होया
छड्ड के छावन दोपहर दा होया
इक वारी तू किसे गैर दा होया
छड्ड के चावन दोपहर दा होया
हुन्न ना जावी मन जा कहना
सारी उमर ए नाल ही रहना
इक दूजे नू हुन्न ना खोये
चल वे दिला मेरेया
किते काले बेह के रोयिये
ना किसे दी गैल करिये ते
ना किसे दा होयिये
कल्ले बेह के रोये
मैं भी पागल तू भी पागल
दुनिया सयानी की करिये
मैं भी पागल तू भी पागल
दुनिया सयानी की करिये
जिसमें मिलके बिछड़े सारे
ऐसी कहानी की करिये
कहती है तुझको खाली अखियाँ
सुनले इनकी कह-कह थकिया
आजा नये कुछ ख्वाब पिरोईये
चल वे दिला मेरेया
किते काले बह के रोयिये
ना किसे दी गल करिये ते
ना किसे दा होइये
दिल लगा के दर्द मिले
और अंखिया मिलाके आंसू
दिल लगा के दर्द मिले
और अंखिया मिलाके आंसू
दुनिया पत्थर है या पानी
ना मैं समझा ना तू
दिल लगा के दिल लगा के
दिल लगा के दर्द मिले
और अंखिया मिलाके आंसू
दिल लगा के दर्द मिले
और अंखिया मिलाके आंसू