जाने न जाने क्यों
तारे दीवाने क्यों
लगते जो तू साथ हो
अजनबी है अभी
जानेगा तू कभी
क्यों बिन मौसम बरसात हो
नया सा है सुखन मिला मुझे जो तू
चाहतों का शुरू हो रहा सिलसिला
तारे दीवाने क्यों
लगते जो तू साथ हो
अजनबी है अभी
जानेगा तू कभी
क्यों बिन मौसम बरसात हो
नया सा है सुखन मिला मुझे जो तू
चाहतों का शुरू हो रहा सिलसिला
चोट दिल पे लगी प्यार होने लगा
चोट दिल पे लगी प्यार होने लगा
देर से ही सही दिल तुझमें खोने लगा
देर से ही सही दिल तुझमें खोने लगा
फ़िज़ाओं हवाओं में उड़ रही मैं कहीं
धड़कनों से तेरे जुड़ रही मैं कहीं
जिस गली में जाने से दिल को रोका बड़ा
वो राहें ये मुड़ रही हैं वहीं
नींद जाने लगी चैन खोने लगा
चोट दिल पे लगी प्यार होने लगा
देर से ही सही दिल तुझमें खोने लगा
देर से ही सही दिल तुझमें खोने लगा