बत्तियाँ बुझा के ना जा ना
रातियाँ जगाके भी तू
मेरे सामने ना रा
सखियाँ छिड़ाए पल पल
मेरी सांस छढ़ाके ना जा ना
रातियाँ जगाके भी तू
मेरे सामने ना रा
सखियाँ छिड़ाए पल पल
मेरी सांस छढ़ाके ना जा ना
रातियाँ जगाके भी तू
मेरे सामने ना रा
न चाल शराबी देखूँगा
न बात नवाबी फेकूँगा
सिम्पल साड़ा सु चौरा
तेरे हाथ मैं आऊँ ना
तू क्यूँ इत्रावे रे छोरी
तन्ने आंख भी था के देखूँ ना
मन्ने साफ़ रहने दे
मन मैं मेरे मेल चढ़ावे ना
मन्ने काम बड़े से करने
मेरे कांधे पे बोझ दो बातान का
सदा इज़्ज़त से करवानी
कदे नाक कटानी ना
अँखियाँ मिलाके ना बाएरी तू
बत्तियाँ बुझा के ना जा ना
रातियाँ जगाके भी तू
मेरे सामने ना रा
सखियाँ छिड़ाएं पल पल
मेरी सांस छढ़ाके ना जा ना
रातियाँ जगाके भी तू
मेरे सामने ना रा
टेलीफोन लगा लेना
तू तेरी दीवानी को
मैं जान नहीं मांगूँ
बन जाऊँ तेरी कहानी जो
मन्ने टाइम नहीं छोरी
दीवानी बातों का
न आशिक़ मैं न करना
कोई शौक खराबी का
हो जाऊंगी तेरी तू तेरा रंग चढ़ा देना
ढल जाऊंगी तुझसी जीने का ढंग बता देना
मैं टूटा होया गिलास सु
मुझमे जाम भरे क्यूं खमेखा
सब बिखरा बिखरा हंडेगा
फिर नाम लगाइए ना
अँखियाँ मिलाके ना बेरी तू
बत्तियाँ बुझा के ना जा ना
रातियाँ जगाके भी तू
मेरे सामने ना रा
सखियाँ छिड़ाएं पल पल
मेरी सांस छढ़ाके ना जा ना
रातियाँ जगाके भी तू
मेरे सामने ना रा