तू है या है आसमान रु-ब-रु
दूर जितने रहेंगे सांस उतनी होनी चाहिए
तू छुआ तो मिलय सांस को सौ जन्म
जिस्म खो भी गया तो रूह से तेरे हैं हम
धड़कनों में धड़कनों में तुझे ही सुनते हैं हम
धड़कनों में धड़कनों में तुझे ही सुनते हैं हम
तू है क़िस्मत की दुआ हू-ब-हू
तू है या है आसमान रु-ब-रु
मैं तेरी तू मेरी परछाइयां
तू है तो है भरी रंगियाँ
ना जाने क्यों ऐसा लगे मुझमें मैं नहीं
फीका-फीका है ये मन घुल जा इसमें तू कहीं
तेरी आंखों से बांधके मैं रखूं यूं खुद का हर किनारा
चाहे जन्नत सा हो कोई शहर तुझसा नहीं नजारा
धड़कनों में धड़कनों में तुझे ही सुनते हैं हम
धड़कनों में धड़कनों में तुझे ही सुनते हैं हम
दिल की राहें मेरी तेरे पास हैं
है सब अब बेवज़ह तू खास है
जो खुद से कह ना सके तुझसे कह दें क्या
सागर जितना है भरा उससे ज्यादा हूं तेरा
चाहे रास्ते भले फूलों भरे मेरी ज़मीन तू है
बेशक़ रातों पे ये चंदा सजे सबसे हसीन तू है
धड़कनों में धड़कनों में तुझे ही सुनते हैं हम
धड़कनों में धड़कनों में तुझे ही सुनते हैं हम