दूर Duur Lyrics in Hindi – Mohit Chauhan

यह हसीं जहां दिल

मेरे दिल पे जो लिखा है
काँधे पे जो झुका है
तेरा हसीं जहां वो
और ऊंचा आसमां

कहीं रास्ता चल रहा है
कहीं थक के थम गया है
बर्फ़ों के साये में
यहीं अब मैं भी खो गया

मिले कभी दूर-दूर से
परवाज़ ले कर सदियाँ मिले
मिले कभी दूर-दूर से
परवाज़ ले कर सदियाँ मिले

ये तेरा कारवाँ है
बस्ना ये चाहता है
क़ाफिलों में तेरे-मेरे
मिल गए निशान

हमनवा मिलते रहें अपने सफ़र में
हमको असर की बात बताने
चाँदनी वादियां हैं कहती कहानियाँ
अपने नहीं है ये किस्से बेगाने

दूर-दूर से पर्वतों के पीछे,
निकला है नूर
के दूर जाना है दूर,
परवाज़ ले चल कहीं दूर

मेरे दिल पे जो लिखा है
काँधे पे जो झुका है
तेरा हसीं जहां वो
और ऊंचा आसमां

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