यह हसीं जहां दिल
मेरे दिल पे जो लिखा है
काँधे पे जो झुका है
तेरा हसीं जहां वो
और ऊंचा आसमां
कहीं रास्ता चल रहा है
कहीं थक के थम गया है
बर्फ़ों के साये में
यहीं अब मैं भी खो गया
मिले कभी दूर-दूर से
परवाज़ ले कर सदियाँ मिले
मिले कभी दूर-दूर से
परवाज़ ले कर सदियाँ मिले
ये तेरा कारवाँ है
बस्ना ये चाहता है
क़ाफिलों में तेरे-मेरे
मिल गए निशान
हमनवा मिलते रहें अपने सफ़र में
हमको असर की बात बताने
चाँदनी वादियां हैं कहती कहानियाँ
अपने नहीं है ये किस्से बेगाने
दूर-दूर से पर्वतों के पीछे,
निकला है नूर
के दूर जाना है दूर,
परवाज़ ले चल कहीं दूर
मेरे दिल पे जो लिखा है
काँधे पे जो झुका है
तेरा हसीं जहां वो
और ऊंचा आसमां