मेरा एक तरफ़ से ये प्यार
दो तरफ़ निभाता हूँ मैं
कभी खुद ही का दिल तोड़ के
खुद ही को मनाता हूँ मैं
जैसे नूर किसी महफ़िल का
हर ज़ख्म मेरे इस दिल का
हर शाम सजाता हूँ मैं
फिर यादों की मनमर्जी
ये जाम ये खुदगर्ज़ी
तेरे नाम पिरोता हूँ मैं
इतने रहे हम तुमसे दूर की
दूरी रास आ गई
इतनी मोहब्बत की मोहब्बत
खुद ही पास आ गई
इतने रहे हम तुमसे दूर की
दूरी रास आ गई
इतनी मोहब्बत की मोहब्बत
खुद ही पास आ गई
दो तरफ़ निभाता हूँ मैं
कभी खुद ही का दिल तोड़ के
खुद ही को मनाता हूँ मैं
जैसे नूर किसी महफ़िल का
हर ज़ख्म मेरे इस दिल का
हर शाम सजाता हूँ मैं
फिर यादों की मनमर्जी
ये जाम ये खुदगर्ज़ी
तेरे नाम पिरोता हूँ मैं
इतने रहे हम तुमसे दूर की
दूरी रास आ गई
इतनी मोहब्बत की मोहब्बत
खुद ही पास आ गई
इतने रहे हम तुमसे दूर की
दूरी रास आ गई
इतनी मोहब्बत की मोहब्बत
खुद ही पास आ गई
मेरा एक तरफ़ से इज़हार
ना किसी को दिखाता हूँ मैं
कभी खुद ही का दिल तोड़ के
खुद ही को मनाता हूँ मैं
हाँ ढूँढना बहाना
और किश्तों में जताना
बेवजह है
समझता हूँ मैं
थोड़ा झूठ भी
थोड़ा सच भी
थोड़ा सही
थोड़ा ग़लत भी
सब बोल दो
कहता हूँ मैं
इतने रहे हम तुमसे दूर की
दूरी रास आ गई
इतनी मोहब्बत की मोहब्बत
खुद ही पास आ गई
इतने रहे हम तुमसे दूर की
दूरी रास आ गई
इतनी मोहब्बत की मोहब्बत
खुद ही पास आ गई